जोधपुर के रातानाड़ा में एक पुलिस अधिकारी नरेंद्र चौधरी ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर करीब 10 साल पहले अर्जुन क्लासेज के नाम से कोचिंग संस्थान शुरू किया। युवाओं को झांसा दिया कि वे गारंटी से उनका सिलेक्शन कराएंगे। दावा के साथ स्टाम्प भी लिखकर दिया कि नौकरी नहीं लगी तो कोचिंग की 100% फीस लौटा देंगे, वह भी 45 दिन के अंदर।
सैकड़ों स्टूडेंट्स का सिलेक्शन नहीं हो पाया। उन्होंने पैसा लौटाने की मांग की तो किसी को टाल दिया, किसी को धमकी दी और किसी को जाली चेक दे दिया।
सोमवार को इनमें से कुछ छात्रों ने रातानाड़ा थाने पहुंचकर शिकायत दी। आरोप है कि पुलिस अधिकारी का मामला होने के कारण पुलिस उचित कार्रवाई नहीं कर रही है। नरेंद्र चौधरी अभी जालोर में एएसपी के पद पर हैं। छात्रों ने रातानाड़ा पुलिस के 41 पीड़ित स्टूडेंट्स की लिस्ट दी है। जिनसे 1 से डेढ़ लाख रुपए लिए गए थे।
ठगी किसी एक-दो स्टूडेंट से नहीं बल्कि 41 स्टूडेंट से हुई।
आरोपी एएसपी नरेंद्र चौधरी जोधपुर में अर्जुन क्लासेस के अलावा शगुन रिसोर्ट का भी मालिक है। 2012-13 में जोधपुर में अर्जुन कोचिंग क्लासेज खोली गई थी।
उसमें कॉन्स्टेबल भर्ती में गारंटी से पास करवा कर नौकरी दिलाने का दावा किया गया था। गारंटी के नाम पर स्टूडेंट्स ने लाखों रुपए फीस जमा करा दी।

संस्थान ने दावा किया था कि सिलेक्शन नहीं हुआ तो पूरा पैसा लौटाया जाएगा। यकीन दिलाने के लिए एफडेविड भी बनवाया। 2016 में वैकेंसी निकली, एग्जाम हुआ और 2018 में रिजल्ट भी आ गया।
कई स्टूडेंट्स का जब सिलेक्शन नहीं हुआ तो वे पैसे मांगने लगे। आरोप है कि पहले तो उन्हें धौंस दिखाई गई। ज्यादा उलझने पर उन्हें बंद खाते के चेक दिए गए। चेक बाउंस भी हुए लेकिन फिर भी पुलिस महकमे में उनकी सुनवाई नहीं हुई।
कोचिंग के छात्र लंबे समय से अपने पैसों के लिए चक्कर काट रहे हैं।
कोचिंग संस्था में यह ठगी किसी एक-दो स्टूडेंट से नहीं बल्कि 41 स्टूडेंट से हुई। दावा है कि देशभर के करीब 500 स्टूडेंट्स को बेवकूफ बनाया गया है। ये छात्र अपना पैसा वापस लेने के लिए 5 साल से चक्कर काट रहे हैं।
पीड़ित स्टूडेंट एसीबी महानिदेशक बीएल सोनी से भी मिलने पहुंचे।
सोमवार को बड़ी संख्या में विद्यार्थी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक बीएल सोनी के जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन देकर पुलिस को शिकायत करने की बात की थी।
छात्र पुलिस उपायुक्त पूर्व अमृता दुहन से मिले। बाद में उन्हें रातानाडा थाने भेजा गया। आज रातानाडा पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है। और जांच सब इंस्पेक्टर भवर सिंह कर रहे हैं।

जोधपुर के रातानाडा क्षेत्र में अर्जुन क्लासेज के नाम से जालोर में पदस्त एएसपी नरेंद्र चौधरी व उनकी पत्नी सीमा चौधरी कोचिंग चलाते थे। 2018 से यह स्टूडेंट अपने हक का पैसा मिल जाए इसके लिए चक्कर काट रहे हैं।

एक पीड़ित छात्रा मनोहर कुमारी ने बताया कि फीस जमा कराते समय भरोसा दिलाया था कि सिलेक्शन होगा तो फीस रख लेंगे, नहीं हुआ तो लौटा देंगे। 2016 में वैकेंसी आई। परिणाम पक्ष में नहीं आया। संचालक नरेंद्र चौधरी से संपर्क किया तो कहा कि पैसे दे देंगे।
2 साल तक टालते रहे फिर कोरोना आ गया। तब बहाना बनाया कि संस्थान बंद था। ऐसे ही 2021 भी निकल गया। कई स्टूडेंट थे जिनका सिलेक्शन नहीं हुआ था। अकेले जाते तो टाल देते थे। चक्कर कटाए जाते थे।
कुछ को चेक दिए जो बाउंस हो गए। कोर्ट केस हुआ तो नोटिस का जवाब भी नहीं देते। थाने में शिकायत ली है। लेकिन पुलिस भी संतोषप्रद जवाब नहीं दे रही है।

एक पीड़ित छात्र शंकर जोशी ने कहा कि 2016 में एडमिशन लिया था। नौकरी की गारंटी थी। रिजल्ट नेगेटिव आया तो डेढ लाख रुपया वापस मांगा। 45 दिन में पैसा वापस देने की बात थी लेकिन 5 साल से चक्कर काट रहा हूं।
पैसा देने के नाम पर सारे ऑरिजनल डॉक्यूमेंट ले लिए। चेक वो भी बंद अकाउंट का जिसमें पैसे नहीं थे। मैंने धमकी दी कि बाउंस करा दूंगा तो 21 नवंबर को 20 हजार रुपए दे दिए। हालात ऐसे थे कि पिता की हालत खराब थी,
वे कैंसर से जूझ रहे थे। पिता एक्सपायर हो गए तो चेक दिया 20 हजार रुपए का। पुलिस इतने साल में भी कार्रवाई नहीं कर पाई। न कोर्ट के नोटिस का ये जवाब देते हैं। बड़े अधिकारी हैं कहतें हैं कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

इसी मामले में पीड़ित एक छात्र गोविंद सिंह रत्नू ने कहा कि 23 सितंबर 2016 को अर्जुन क्लासेस जॉइन की थी। गारंटी बैच था। एडमिशन के लिए पैसा दिया सिलेक्शन नहीं हुआ तो पैसे वापस मांगे। डेढ़ लाख रुपए दिए थे।
उन्होंने स्टाम्प पेपर दिया कि पेमेंट वापस मिल जाएगा। मैंने- 75-75 हजार रुपए के चेक दिए थे, जिसके सबूत हैं। उनका दिया चेक बाउंस हो गया। फ्रॉड चेक का मुकदमा किया लेकिन वे नोटिस तक का जवाब नहीं देते। 5 साल से भटक रहे हैं। हम साधारण परिवारों से हैं हमें जस्टिस चाहिए।

एक छात्र तरुण जांगिड ने कहा कि मैं अजमेर से हूं। ढाई सौ किलोमीटर है जोधपुर। अर्जुन क्लासेस में 2016 में एडमिशन लिया था। डेढ लाख रुपए दिए थे। एग्जाम 2018 में हुआ, सिलेक्शन नहीं हुआ लेकिन पैसा नहीं लौटाया।
कई बार 300 किलोमीटर गए, परेशान हुए। अभी तक वो जीरोक्स कॉपी एफिडेविट के तौर पर है जिसमें कहा था कि 45 दिन में पेमेंट दे देंगे। 5 साल से चक्कर कटा रहे हैं। एक रुपया नहीं दिया। पुलिस कोर्ट सब फेल हो गए। अब करियर बनाएं या इन्हीं चक्करों में लगे रहें।
संचालक ने कहा
हमारे परिवार द्वारा संचालित इंस्टिट्यूट है। 20 साल से चल रहा है। वर्तमान में भी 100 से अधिक स्टूडेंट कोचिंग ले रहे है। कोविड के समय क्लासेज बंद होने से व्यवस्था बिगड़ गई थी।
40 लाख के करीब स्टूडेंट्स का ड्यू चल रहा है दो महीने में सभी को पैसा लौटा दिया जाएगा। वर्तमान में भी इंस्टॉलमेंट चालू हैं।
सीमा चौधरी , संचालक अर्जुन क्लासेज।

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